Shab-e-Barat ki Namaz, Dua, Tareeqa, Fazilat Aur Barkat - शब ए बरात की नमाज़, दुआ, फजीलत और बरकत

Shab E Barat Ki Namaz। शब-ए-बरात की नमाज़।

दोस्तों 15 शबान की यह रात, जिसे "शब-ए-बरात" कहा जाता है, कई लोगों के लिए इबादत और दुआओं का एक ख़ास पल होता है। मगर क्या आप जानते हैं कि इस्लामी शरीयत में इस रात की कोई ख़ास नमाज़ या रिवायत नहीं बताई गई? जी हाँ! यह रात न तो कोई विशेष इबादत का आदेश देती है, न ही इसकी कोई निर्धारित नियत। फिर भी, लोगों के बीच इसे लेकर कई ग़लतफ़हमियाँ और रस्में प्रचलित हैं।

Shab E Barat Ki Namaz। शब-ए-बरात की नमाज़।

Shab e Barat Ki Raat kya kre - क्या करें इस रात?

इस्लामी विद्वानों के मुताबिक़, शब-ए-बरात के नाम पर कोई अलग नमाज़ या रोज़ा नहीं है। हाँ, इस पूरे महीने में नेकियाँ बढ़ाने, रोज़े रखने और नफ़्ल इबादत (ऐच्छिक प्रार्थनाएँ) करने की सलाह दी जाती है। कुछ लोग इस रात को चमकदार रोशनी, मिठाइयाँ या आतिशबाज़ी से मनाते हैं, लेकिन यह सब "बिदअत" (धर्म में नई चीज़ें जोड़ना) माना जाता है। इस्लाम की ख़ूबसूरती तो सादगी और सच्ची इबादत में है!
 
Read Also: Ayatul Kursi in Hindi 

फिर क्यों है इतना ज़ोर?

शबान का महीना रमज़ान की तैयारी का पवित्र समय है। इसलिए, इस पूरे महीने में इबादत, तौबा और दान-पुण्य बढ़ाने का संदेश दिया गया है। शब-ए-बरात को एक "ख़ास रात" बनाने के बजाय, पूरे शबान में अल्लाह की रहमत पाने का प्रयास करें। याद रखें: नेकी का हर पल बरकत वाला होता है, सिर्फ़ एक रात नहीं!

ध्यान दें।

इस रात को लेकर भ्रमित न हों। दिखावे या अंधविश्वास से दूर रहकर, दिल से दुआ करें और अच्छे कर्मों में तेज़ी लाएँ। शबान की हर रात बरकतों वाली हो सकती है, बशर्ते आपका इरादा साफ़ हो!

Read Also: Shab e Barat Ki Namaz 2025 । शब-ए-बरात की नमाज़ कितनी रकात की होती है?

Shab E Barat Ki Fazilat Aur Ahmiyat। शब ए बारात की फजीलत और अहमियत।

 
जैसा कि आपने सही तरीके से कहा है, शब-ए-बरात मनाना बिदअत है। इस खास दिन की कोई फजीलत नहीं है, बल्कि पूरे महीने शाबान रहमत और बरकत से भरा होता है। इस दिन की नमाज का खास पाबंदी से जिक्र नहीं है, जैसे कि हम आम दिनों में नफ़्ल इबादत करते हैं, वैसे ही हमें इस दिन भी करना चाहिए। शब-ए-बरात नमाज़ की नियत में किसी खास नियत का ज़िक्र नहीं होता, जैसे कि हम आम नमाजों की नियत करके नफ़्ल इबादत करते हैं, वैसे ही इन दिनों मैं भी करननी चाहिए।

Shab-e-Barat Ki Namaz Ka Tareeqa। शबे बरात की नमाज़ का तरीका।

सही हदीस से कोई भी शबे बरात की नमाज मुकर्रर नहीं की गई है और न ही कोई नफ़्ली इबादत की बात की गई है। कोई भी ख़ास तरीका नहीं है, हर नमाज एक जैसे ही पढ़ी जाती है, बस नियत होती है कि फर्ज, सुन्नत या नफ़ल फिर हम वैसे ही पढ़ते हैं।

Shab-e-Barat Ki Dua। शबे बरात की दुआ।

कोई भी खास दुआ नहीं है रात के तीसरे अशरे में दुआ कुबूल होती हैं अल्लाह ताला पहले आसमान पे आता है और कहता है है कोई मेरा बांदा जो मुझसे कुछ मांगे और मैं उसे वो दू अगर वो आपके हक में बेहतर होगी तो इंशाल्लाह जरूर पूरी होगी


शब-ए-बरात, जो कि 15 शबान की रात है, इबादत और दुआ का मकबूल महीना है। इस दिन की कोई ख़ास नमाज़ या नियत नहीं है, बस रोज़े और नफ़्ल इबादत की कसरत की जाती है। कुछ लोग शब-ए-बरात को मनाते हैं लेकिन इसकी कोई हक़ीक़त नहीं। इस्लाम में बिदअत को माना जाता है, इसलिए शब-ए-बरात की रात में किसी ख़ास इबादत की ज़रूरत नहीं। बेहतर है के पूरे शबान में इबादत और नेकियों में इज़ाफ़ा किया जाए। इस दिन की ख़ासियत नहीं है, लेकिन नेकियों का अमल बढ़ाने का एक अच्छा मौक़ा है।


Shab-e-Barat Ke Baare Mein Kuch Aham Sawaalat। शब-ए-बरात के बारे में बारे में कुछ अहम सवालात।

 

Shab e Barat FAQs 

शबे बरात FAQs
1. शबे बरात क्या है?
शबे बरात 15 शाबान की रात को कहते है जबकि ये किसी हदीश से साबित नहीं है ये ज़ाइफ हदीश है।
2. शबे बरात में कौन कौन सी नमाज पढ़ी जाती है?
खास शबे बारात के लिए कोई भी नमाज़ हादिश में नही मिलती बल्कि पूरे शाबान में नफ़ील इबादत और कसरत से नेकिया करनी चाहिए क्युकी शाबान का पूरा महिना बरकतों वाला है।
3. शब-ए-बरात किस दिन होता है?
शब ए बरात नहीं मनाया जाता ये दीन में खुद शामिल किया गया है और दीन में नई चीज़ इजात करना बिदत है।
4. शब-ए-बरात कि नमाज़ कैसे पढ़ा जाता है?
कोई खास जिक्र नहीं है जैसे नफिल नमाज की नमाज पढ़ते है वैसे ही पढ़ा जाता है।
5. शबे बरात के दिन क्या क्या पढ़ा जाता है?
सिर्फ शबे बरात नहीं बल्कि पूरे शाबान में कसरत तस्बीह पढ़ना चाहिए सहाबा इसमें रमजान की तैयारी करते थे रोजा रखते थे अपना टाइम सेट करते थे।
6. शब-ए-बरात की नियत कैसे होती हैं?
कोई खास नियत नहीं किया जाता क्युकी सबे बारात मनाना बिददत है। नफील नमाज पढ़ा जा सकता है शाबान की नियत से।
7. शब ए बारात की 6 रकात नमाज क्या है?
शबे बरात की कोई भी 6 रकात नमाज़ नहीं हैं, शाबान की नियत से नफील नमाज़ पढ़ सकते और नफील नमाज़ जरुरी नहीं हैं कि 6 रकात ही पढ़ी जाए हम जितना चाहे पढ़ सकते हैं।
8. शबे बरात में कितनी रकात नमाज पढ़ते हैं?
कोई खास मुकरर नही किया गया जितनी चाहे नफिल नमाज हम उतना पढ़ सकते है।
9. शबे बरात में किसकी फातिहा होती है?
दीन में कोई भी नई चीज़ इजात करना बिदत है और फातिहा करना भी बिदत है।
10. शबे बरात का रोजा क्यों रखा जाता है?
शबे बरात का रोजा नहीं रखा जाता बल्कि रमजान की तैयारी के लिए प्रैक्टिस करते है।
11. शबे बरात का मतलब क्या होता है?
शबे बरात का जिक्र किसी हदीश में साबित नहीं है बस ये कुछ लोग है जो दीन में नई नई चीज़े लाकर दीन को मुश्किल बना रहे है।




Conclusion 


दोस्तों उम्मीद है आपकों शबे-बारात के बारे में अच्छे से समझ में आ गया होगा। अगर आपको ये पोस्ट पढ़ के अच्छा लगा हों तो अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर जरूर करें। क्योंकि इस्लामिक बातें औरों तक पहुंचाना भी सदके जारीया है। 

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now