Shab e Qadr Kab Hai 2024 । शब ए कद्र कब है।

अस्सलाम अलैकूम दोस्तों। रमजान का मुबारक महीना चल रहा है। दोस्तों शब ए कद्र की रात भी आने वाला है। और बहुत से लोगों को पता ही नहीं रहता है कि शब ए कद्र कब ( Shab e Qadr Kab Hai ) है । वैसे तो रमज़ान का पुरा महीना ही बरकतों और रहमतों वाला है। तो चलिए जानते हैं आखिर शब ए कद्र कब है।

Read:- Shab e Qadr Ki Dua । शब ए कद्र की दुआं 

Shab e Qadr Kab Hai 2024 । शब ए कद्र कब है।


दोस्तों रमजान मुबारक के तीसरे अशरे की 27वीं शब को शब-ए-कद्र के रूप में मनाया जाता है। इसी मुकद्दस रात में कुरआन भी मुकम्मल हुआ। रमजान के तीसरे अशरे की पांच पाक रातों में शब-ए-कद्र को तलाश किया जाता है।

Shab e Qadr Kab Hai 2024 । शब ए कद्र कब है।

दोस्तों शब ए कद्र कब होता है इसका कोई कोई भी जवाब नही दे सकता है। लेकिन उलेमाओं ने बताया है की शब ए कद्र रमज़ान के तीसरे हिस्से में इन ताक रातो में हो सकती है।
  • 21वीं रमज़ान, की रात।
  • 23वीं रमज़ान, की रात।
  • 25वीं रमज़ान की रात।
  • 27वीं रमज़ान की रात।
  • 29वीं रमज़ान की रात।

Shab e Qadr 2024 date in India । शबे कद्र कौन सी तारीख को है?

दोस्तों ऐसे में भारत में शबे कद्र की रात इस तारीख को हो सकता है।

  • 31 मार्च, 
  • 2 अप्रैल, 
  • 4 अप्रैल,
  • 6 अप्रैल,
  • 8 अप्रैल,
यानी रमजान माह की 21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं, 29वीं रातों को शब ए कद्र की रात माना जाता है।

शबे कद्र की रात क्यों मनाई जाती है?

27वीं इबादत की रात होती है। 27वीं शब को उन अधिकतर मसाजिद में जहां तरवीह की नमाज अदा की गई वहां कुरान हाफिजों का सम्मानित किया जाता है। साथ ही सभी मस्जिदों में नमाज अदा कराने वाले इमाम साहेबान का भी मस्जिद कमेटियों की तरफ से इनाम-इकराम देकर इस्तकबाल किया जाता है।

शबे कद्र को रात भर इबादत के बाद मुसलमान अपने रिश्तेदारों, अजीजो-अकारिब की कब्रों पर सुबह-सुबह फातिहा पढ़कर उनकी मगफिरत के लिए दुआएं भी मांगेंगे।

शब ए क़द्र पर हमें क्या करना चाहिए?

दोस्तों शब ए कद्र की रात को हमे जाया नहीं करना चाहिए हदीस में आता है शब ए कद्र की रात 70 हजार रातो से अफजल है। दोस्तों शब ए कद्र की रात हमे खुब इबादत करना चाहिए।

इस रात में अल्लाह की इबादत करने वाले मोमिन के दर्जे बुलंद होते हैं। गुनाह बक्श दिए जाते हैं। दोजख की आग से निजात मिलती है। वैसे तो पूरे माहे रमजान में बरकतों और रहमतों की बारिश होती है। ये अल्लाह की रहमत का ही सिला है कि रमजान में एक नेकी के बदले 70 नेकियां नामे-आमाल में जुड़ जाती हैं, लेकिन शब-ए-कद्र की विशेष रात में इबादत, तिलावत और दुआएं कुबूल व मकबूल होती हैं।

अल्लाह ताअला की बारगाह में रो-रोकर अपने गुनाहों की माफी तलब करने वालों के गुनाह माफ हो जाते हैं। इस रात खुदा ताअला नेक व जायज तमन्नाओं को पूरी फरमाता है। रमजान की विशेष नमाज तरावीह पढ़ाने वाले हाफिज साहबान इसी शब में कुरआन मुकम्मल करते हैं, जो तरावीह की नमाज अदा करने वालों को मुखाग्र सुनाया जाता है। इसके साथ घरों में कुरआन की तिलावत करने वाली मुस्लिम महिलाएं भी कुरआन मुकम्मल करती हैं।

Eid 2024: ईद उल फितर कब है, जानें डेट 

रमजान का पवित्र महीना अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है। संभवतः ईद-उल-फितर सऊदी अरब में 9 अप्रैल और इंडिया में 10 अप्रैल को मनाई जाएगी। शबे कद्र की रात को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि यह तय नहीं माना जाता कि रमजान में शबे कद्र कब होगी, लेकिन 26वां रोजा और 27वीं शब को शबे कद्र होने की संभावना जताई जाती है।






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