Taraweeh Ki Dua - तरावीह की दुआं
Taraweeh Ki Dua: अस्सलाम वालेकुम दोस्तों । प्यारे दोस्तों आज हम आपको रमज़ान के महीने में पढ़ी जाने वाली दुआ "तरावीह की दुआं" ( Taraweeh Ki Dua ) बताने जा रहे हैं। इससे पहले हमने बताया था रोजा रखने की दुआ और रोज़ा खोलने की दुआ यानी शहरी और इफ्तार की दुआ । दोस्तों रमजान का पाक महीना आने वाला है। तो हमारी कोशिश यही है कि हर मुसलमान भाई बहन इन दुआओं को अच्छे से याद कर ले। इसी सिलसिले में तरावीह की दुआ हर मुसलमान को जानना बहुत जरूरी है।
Taraweeh Ki Dua - तरावीह की दुआं
दोस्तों तरावीह की नमाज़ ईशा की नमाज़ के बाद पढ़ी जाती है, जिसमें 20 रकात होती हैं और हर दो रकात के बाद सलाम फेरा जाता है। और हर 4 रकात के बाद तरावीह की दुआ पढ़ी जाती है। तो चलिए विस्तार से जानते हैं कि तरावीह की दुआ क्या है।
Taraweeh Dua In Arabic
سُبْحَانَ ذِی الْمُلْکِ وَالْمَلَکُوْتِ * سُبْحَانَ ذِی الْعِزَّةِ وَالْعَظَمَةِ وَالْهَيْبَةِ وَالْقُدْرَةِ وَالْکِبْرِيَآئِ وَالْجَبَرُوْتِ * سُبْحَانَ الْمَلِکِ الْحَيِ الَّذِی لَا يَنَامُ وَلَا يَمُوْتُ سُبُّوحٌ قُدُّوْسٌ رَبُّنَا وَرَبُّ الْمَلَائِکَةِ وَالرُّوْحِ * اَللّٰهُمَّ اَجِرْنَا مِنَ النَّارِ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْر۔Taraweeh Ki Dua in Hindi । तरावीह की दुआ हिंदी में
सुब्हा-न ज़िल मुल्कि वल म-ल कूत *
सुब्हा-न ज़िल इज्जती वल अ-ज़-मति वल-हैबति वल क़ुदरति वल-किब्रियाइ वल-ज-ब-रुत *
सुब्हा-नल मलिकिल हैय्यिल्लज़ी ला यनामु व ला यमूत *
सुब्बुहुन कुद्दूसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर्रूह *
अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन्नारि *
या मुजीरु या मुजीरु या मुजीर *
सुब्हा-न ज़िल इज्जती वल अ-ज़-मति वल-हैबति वल क़ुदरति वल-किब्रियाइ वल-ज-ब-रुत *
सुब्हा-नल मलिकिल हैय्यिल्लज़ी ला यनामु व ला यमूत *
सुब्बुहुन कुद्दूसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर्रूह *
अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन्नारि *
या मुजीरु या मुजीरु या मुजीर *
Dua Of Taraweeh - Taraweeh Dua in English
Subhana zil mulki wal malakut.
Subhana zil izzati wal azmati wal haibati wal qudrati wal kibriya ay wal jabaroot. Subhanal malikil hayyil lazi la yanaamo wala yamato subbuhun quddusun rabbuna wa rabbul malaikati war ruh-allahumma ajirna minan naar ya mujiro ya mujiro ya mujeer.
Conclusion
दोस्तों रमज़ान का मुबारक महीना बहुत ही करीब है। हमें चाहिए की इस रमजान को जाया ना जाने दें। अल्लाह तआला की खुब इबादत करें। कुरआन मजीद की तिलावत ज़रूर करें। चलते फिरते दरूद शरीफ भी खुब पढ़ें। दरूद शरीफ पढ़ने के बहुत फायदे हैं। दरूद शरीफ की फजीलत जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। दरूद शरीफ की फजीलत। दोस्तों हमें उम्मीद है आपको तरावीह की दुआं आसानी से याद हो गया होगा।
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