Surah Muzzamil in Hindi । सूरह मुजम्मिल हिन्दी में तर्जुमा के साथ।

प्यारे दोस्तों। सूरह मुजम्मिल ( Surah Muzzamil in Hindi ) कुरआन मजीद की एक बहुत ही खूबसूरत सूरह है। दोस्तों सूरह मुजम्मिल कुरआन मजीद के 29वे पारे में मौजूद हैं। सूरह मुजम्मिल कुरआन मजीद की 73वी सूरह है। तों दोस्तों सूरह मुजम्मिल तर्जुमा के साथ पढ़ें। और ओडियो में सुन भी सकते हैं। दोस्तों सूरह मुजम्मिल ओडियो फ़ाइल में डाउनलोड भी कर सकते हैं। जिसे आप बाद में सुन भी सकते हैं।

Surah Muzzamil in Hindi । सूरह मुजम्मिल हिन्दी में तर्जुमा के साथ।

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Download Surah Muzzamil Pdf । डाउनलोड सूरह मुजम्मिल पीडीएफ 

Surah Muzzamil MP3 । सूरह मुजम्मिल ओडियो में सुनें।







बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम


(1)

 या अय्युहल मुज़ ज़ममिल

ए चादर ओढने वाले !
(2)

 क़ुमिल लैला इल्ला क़लीला

कुछ हिस्से को छोड़ कर रात में नमाज़ पढ़ा कीजिये
(3)

 निस्फहू अविन क़ुस मिन्हु क़लीला

यानि आधी रात या उस से कुछ कम
(4)

 अव्ज़िद अलैहि वरत तिलिल कुरआन तरतीला

या आधी से कुछ ज़्यादा, और ठहर ठहर कर क़ुरान पढ़िए
(5)

 इन्ना सनुल्की अलैका कौलन सक़ीला

अनक़रीब हम आप पर एक भारी फरमान उतारेंगे
(6)

 इन्न नाशिअतल लैलि हिया अशद्दु वत अव वअक्वमु कीला


यक़ीनन रात के वक़्त उठना ही ऐसा अमल है जिस से नफ्स को अच्छी तरह कुचला जाता है और बात भी बेहतर तरीके पर कही जाती है
(7)

 इन्ना लका फिन नहारि सबहन तवीला


और दिन में तो आप बहुत सारा काम करते हो
(8)

 वज कुरिस्मा रब्बिका व तबत तल इलैहि तब्तीला


और अपने परवरदिगार का नाम लेते रहिये और सब से बे ताल्लुक़ होकर उसी की तरफ़ मुतवज्जह हो जाइए
(9)

रब्बुल मशरिकि वल मगरिबि ला इलाहा इल्ला हुवा फत तखिज्हू वकीला



वही मशरिक़ व मगरिब का मालिक है, उस के सिवा कोई माबूद नहीं इसलिए आप इसी को कारसाज़ बनाइये

(10)

 वसबिर अला मा यकूलूना वह्जुर हुम हजरन जमीला


और ये लोग जो कुछ कहते हैं, उस पर सब्र कीजिये और ख़ूबसूरती के साथ उन से अलग हो जाइये
(11)

वज़रनी वल मुकज्ज़िबीना उलिन नअ,मति वमह हिल्हुम क़लीला


और तुम्हें झुटलाने वाले जो ऐशो इशरत में पड़े हुए हैं उन का मामला मुझ पर छोड़ दो और उन्हें थोड़े दिन और मोहलत दो
(12)

इन्ना लदैना अन्कालव वजहीमा


यक़ीनन हमारे पास सख्त बेड़ियाँ हैं, और दहकती हुई आग है

(13)

 व तआमन ज़ा गुस्सतिव व अज़ाबन अलीमा



और गले में अटक जाने वाला खाना और दर्दनाक अज़ाब भी
(14)

यौमा तरजुफुल अरजु वल जिबालु व कानतिल जिबालु कसीबम महीला


उस दिन ज़मीन और पहाड़ कांपने लगेंगे और पहाड़ रेत के टीले हो जायेंगे
(15)

इन्ना अरसलना इलैकुम रसूलन शाहिदन अलैकुम कमा अरसलना इला फ़िरऔना रसूला



हम ने तुम्हारे तरफ एक ऐसे रसूल को भेजा है जो तुम पर गवाही देंगे जैसा कि हम ने फिरऔन की तरफ़ पैग़म्बर भेजा था
(16)

फ़असा फ़िरऔनुर रसूला फ़अख्ज्नाहू अख्ज़व वबीला


फिर फिरऔन ने पैगमबर का कहा न माना तो हम ने उसे सख्ती से पकड़ की
(17)

फ़कैफ़ा तत तकूना इन कफरतुम यौमय यजअलुल विल्दाना शीबा


तो अगर तुम कुफ्र करते रहोगे तो उस दिन से कैसे बचोगे जो बच्चों को बूढ़ा कर देगा
(18)

अस समाउ मुन्फतिरुम बिह कान वअदुहू मफ़ऊला


उस दिन आसमान फट जायेगा और उस का वादा पूरा होकर रहेगा
(19)

इन्ना हाज़िही तज्किरह फ़मन शाअत तखज़ा इला रब्बिही सबीला


ये तो एक नसीहत है, तो जो चाहे अपने परवरदिगार की तरफ रास्ता बना ले
(20)

इन्ना रब्बका यअलमु अन्नका तकूमु अदना मिन सुलुसयिल लैलि व निस्फहू व सुलुसहू व ताइफतुम मिनल लज़ीना मअक वल्लाहु युक़द्दिरुल लैला वन नहार


आप के परवरदिगार खूब जानते हैं कि आप और जो लोग आप के साथ हैं, उन में से कुछ लोग दो तिहाई रात के क़रीब और ( कभी ) आधी रात और ( कभी ) तिहाई रात अल्लाह के करीब खड़े रहते हैं और अल्लाह ही रात और दिन की तादाद मुक़र्रर करते हैं

अलिमा अल लन तुह्सूहू फताबा अलैकुम फकरऊ मा तयस सरा मिनल कुरआन अलिमा अन सयकूनु मिन्कुम मरजा व आखरूना यजरिबूना फ़िल अरज़ि यब्तगूना मिन फजलिल लाहि व आख़रूना युकातिलूना फ़ी सबीलिल लाहि

अल्लाह तआला ने जान लिया कि तुम उसको निबाह न सकोगे इसलिए उस ने तुम पर मेहरबानी की, लिहाज़ा जितना क़ुरआन आसानी से पढ़ सको, पढ़ लिया करो, अल्लाह को मालूम है कि तुम में से बीमार भी होंगे, और कुछ तलाश व मआश के लिए ज़मीन में सफ़र भी करेंगे, कुछ और लोग अल्लाह के रस्ते में जिहाद करेंगे

फकरऊ मा तयस सरा मिनहु व अक़ीमुस सलाता व आतुज़ ज़काता व अकरिजुल लाहा करजन हसना

इसलिए जितना आसानी से हो सके, पढ़ लो, नमाज़ की पाबन्दी करो, ज़कात देते रहो, अल्लाह को अच्छी तरह क़र्ज़ दो, (यानि इखलास के साथ नेकी के रस्ते में ख़र्च करो )

वमा तुक़ददिमू लि अन्फुसिकुम मिन खैरिन तजिदूहू इन्दल लाहि हुवा खैरव व अ’अज़मा अजरा वस ताग्फिरुल लाह इन्नल लाहा गफूरुर रहीम

और तुम अपने लिए जो नेक अमल आगे भेजोगे, उसको अल्लाह के पास ज़्यादाबेहतर और ज़्यादा सवाब वाला पाओगे, और अल्लाह से मगफिरत तलब करते रहो, यक़ीनन अल्लाह बड़े बख्शने वाले और बड़े महेरबान हैं



नोट:- प्यारे दोस्तों सूरह मुजम्मिल हिन्दी में पढ़ने के लिए सबसे पहले आपकों ओडियो में सूरह मुजम्मिल सून कर तब पढ़ें। ताकि आपकों सूरह मुजम्मिल पढ़ने में दिक्कत ना हो। दोस्तों इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे। कुरआन मजीद की सूरह को दुसरो तक पहुंचाना भी सवाब का काम है।

अल्लाह तआला हमें और आपको सीधे रास्ते पर चलने की तौफीक अता फरमाए। आमीन।

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