Safar Ki Dua in Hindi - सफ़र की दुआं हिन्दी में
सफर की दुआ एक अहम दुआ है जो मुस्लिम सफर शुरु करने से पहले पढ़ते हैं। यह एक तरीका है कि वे अल्लाह तआला से महफूजी, रहमानी, और बरकत की तलाश करें । और एक महफूज और कामयाब सफर के लिए दुआ करे।
Safar ki Dua - सफर की सूरुआत में इस दुआ को पढ़ना सुन्नत है। यानी पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम की मशवरत में मुस्तहब अमल है। सफर की दुआं इस्लामिक भाईयों और बहनों को याद दिलाती है कि हर चीज अल्लाह तआला की मलकियत है। और वह इस दुनिया में अकेला सफर करने वाला है। सफर की दुआं के बहुत फायदे हैं। और हर मुसलमान को चाहिए कि इसे याद रखें। हमारी यही कोशिश है के आप लोगो के पास हर दुआ पहूंच सके। आप खुद इस दुआ को याद कीजिए और हमारे और मुस्लिम भाई बहनों के साथ भी शेयर करे। ताकि सबकों इस्लाम से जुड़ी हर जानकारी मिलती रहे।
मुस्लिमानों की फ़िरक़ा परस्ती में हर सफर, चाहे वो कितना भी छोटा क्यों ना हो, अल्लाह की तरफ़ से एक इम्तेहान समझा जाता है। इसलिए सफर की शुरुआत करते वक़्त उसकी हिफ़ाजत और बरकत हासिल करना ज़रूरी होता है। सफर की दुआ, सफर करने वाले को अल्लाह से रहनुमाई और हिफ़ाजत की दरख़ास्त करने का तरीक़ा होता है।
Safar ki Dua - सफर की सूरुआत में इस दुआ को पढ़ना सुन्नत है। यानी पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम की मशवरत में मुस्तहब अमल है। सफर की दुआं इस्लामिक भाईयों और बहनों को याद दिलाती है कि हर चीज अल्लाह तआला की मलकियत है। और वह इस दुनिया में अकेला सफर करने वाला है। सफर की दुआं के बहुत फायदे हैं। और हर मुसलमान को चाहिए कि इसे याद रखें। हमारी यही कोशिश है के आप लोगो के पास हर दुआ पहूंच सके। आप खुद इस दुआ को याद कीजिए और हमारे और मुस्लिम भाई बहनों के साथ भी शेयर करे। ताकि सबकों इस्लाम से जुड़ी हर जानकारी मिलती रहे।
Safar Ki Dua in Hindi - सफ़र की दुआं हिन्दी में
सफ़र की दुआं को तीन भाषाओं में लिखा गया है। आप को जिस भाषा में आसानी हो याद कर सकते हैं। सफ़र की दुआं सफर से पहले पढ़ना नबी करीम सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम की सुन्नत है।
Safar Ki Dua in Arabic
“سُبْحَانَ الَّذِيْ سَخَّرَ لَنَا هَـٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِيْنَ، وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنْقَلِبُوْنَ”
Safar ki Dua in Hindi
सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बना लमुनक़लिबुन.
dua for travelling
Subhanallathi sakhkhara lana hadha wama kunna lahu muqrineen, wa-inna ila rabbna lamunqaliboon.
सफर से मुतालिक हदीस - Safar Ki Dua Hadees
अब्दुल्लाह इब्न उमर (रजिअल्लाहू तआला अनहू ) ने रवायत की कि पैगंबर-ए-अकरम (सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम) ने फरमाया: 'जब तुम सफर पर निकलो तो ख़ुदा की याद, दुआ और नेक अमल की हालत में रहो, क्योंकि सफर करने वाला ख़ुदा का मेहमान होता है।' सुनन अत-तिर्मिज़ीमुस्लिमानों की फ़िरक़ा परस्ती में हर सफर, चाहे वो कितना भी छोटा क्यों ना हो, अल्लाह की तरफ़ से एक इम्तेहान समझा जाता है। इसलिए सफर की शुरुआत करते वक़्त उसकी हिफ़ाजत और बरकत हासिल करना ज़रूरी होता है। सफर की दुआ, सफर करने वाले को अल्लाह से रहनुमाई और हिफ़ाजत की दरख़ास्त करने का तरीक़ा होता है।
Conclusion
दोस्तों ऐसे ही और दुआओं के लिए islamicwaqia.com से जुड़े रहे। और इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें। कमेंट में माशाअल्लाह जरूर लिखें। शुक्रिया।
"Tell us what you think about the article on the 'Safar ki Dua' prayer in Islam. It's about asking for safety, blessings, and success before traveling. Share your thoughts on why this prayer is important and how it helps travelers. Your ideas help us learn together! Also, if you want to explore more about this prayer, you can visit https://www.duaesafar.com/."