Hazrat Musa Ali Salam Ka ( Kissa ) Waqia in Hindi - हज़रत मूसा अलैहि सलाम का वाक्या।
بِسمِ اللہِ الرَّحمٰنِ الرَّحِيم
|| शुरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है ||
"अस्सलाम अलैकूम व रहमतुल्लाहि व बरकातहू"
HAZRAT MUSA ALAIHI SALAM । हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम।
हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम अल्लाह के मुखलिस पैगंबर हैं । उनका लक़ब कलीमुल्लाह है, क्युकि वह अल्लाह तआला से हम-कलाम करते थे । मुसा अलैहिस्सलाम के वालिद का नाम इमरान अलैहिस्सलाम और भाई का नाम हारुन अलैहिस्सलाम था । आप में ताक़त और कुव्वत बहुत ज्यादा थी ।Hazarat Musa Alaihi Salam Ke Paidaish Se Pahle । हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के पैदाइश से पहले।
हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के पैदाइश से पहले एक मगरूर और ज़ालिम बादशाह था जिसका नाम वलीद बिन मुश्अब था, जो फिरौन के नाम से मशहूर है, जो बनी इस्राईल के कौम पर ज़ुल्म व सितम करता था और उनसे गुलामों की तरह काम लेता था । फिरोन को मानने वाले खिब्ती कहलाते थे और वो एश व आराम की ज़िन्दगी गुज़ारा करते थे ।
Firaun Ka khwaab । फिरौन का ख्वाब।
एक रोज़ फिरौन ने खवाब देखा के बैतूल मुक़द्दस से मिस्र के जानिब एक आग बढ़ता चला आ रहा है, वो आग तमाम मिस्र वालों को जला डालता है मगर इस आग से बनी इस्राईल के घर मज्फुज़ रहते हैं । फिरौन ने इस खवाब की ताबीर अपने पास मौजुद कहिनों से पूछी तो उन्होंने बताया के बनी इस्राईल में एक एसा बच्चा पैदा होने वाला है जिसकी वजह से मिस्रियों (खिब्तियों) की हलाकत होगी ।तौरात में है और तारीख के जानने वाले भी कहते हैं कि फिरौन को बनी इसराईल के साथ इसलिए दुश्मनी हो गई थी कि उस ज़माने के काहिनों, नजूमियों और क़याफ़ागरों ने उसको बताया था कि उसकी हुकूमत का ज़वाल एक इसराईली लड़के के हाथ से होगा और कुछ तारीख़ी रिवायतों में है कि फिरौन ने एक भयानक ख्वाब देखा था, जिसकी ताबीर दरबार के ज्योतिषियों और काहिनों ने वहीं दी थी, जिसका ज़िक्र गुज़र चुका है। इस पर फिरौन ने एक जमाअत को इसलिए मुकर्रर किया कि वह तफ़्तीश और तलाश के साथ इसराईली लड़कों को क़त्ल कर दे और लड़कियों को छोड़ दिया करे।
Hazrat Musa Alaihi Salam Ki Paidaish । हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की पैदाईश।
हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की वालिदा जब हमल से हुईं तो इसकी खबर किसी को न हुई, उन्होंने सबसे छुपाये रखा और जब हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम पैदा हुए तब भी सिवाए करीबी रिश्तेदारों को किसी को मालूम ना हुआ ।
हज़रत मूसा अलैहि सलाम का नसब (वंश) कुछ वास्तों से हज़रत याकूब अलैहि सलाम तक पहुंचता है। उनके वालिद का नाम इमरान और वालिदा का नाम यूकाबुद था। इमरान के घर में मूसा अलैहि सलाम की पैदाइश ऐसे ज़माने में हुई जबकि फ़िरऔन इसराईली लड़कों के क़त्ल का फैसला कर चुका था। बहरहाल जूं-जूं करके तीन माह तक उनके पैदा होने की किसी को मुतलक खबर न होने दी। इस सख्त और नाजुक वक़्त में आख़िर अल्लाह तआला ने मदद की और मूसा अलैहि सलाम की वालिदा के दिल में यह बात डाल दी कि एक ताबूत की तरह का सन्दूक बनाओ, जिस पर राल और रोगन पालिश कर दो, ताकि पानी अन्दर असर न कर सके और उसमें उस बच्चे को हिफाजत से रख दो और फिर उस सन्दूक को नील नदी के बहाव पर छोड़ दो।
हज़रत मूसा अलैहि सलाम की मां ने ऐसा ही किया और साथ ही अपनी बड़ी लड़की मूसा की बहन को लगाया कि वह इस सन्दूक के बहाव के साथ किनारे-किनारे चलकर सन्दूक को निगाह में रखे और देखे कि अल्लाह तआला उसकी हिफाजत का वायदा किस तरह पूरा करता है, क्योंकि मूसा अलैहि सलाम की वालिदा को अल्लाह तआला ने यह बशारत पहले ही सुना दी थी कि हम इस बच्चे को तेरी ही तरफ ला कर देंगे और यह हमारा पैग़म्बर और रसूल होगा।
Hazrat Musa Alaihi Salam Ka Bachpan । हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम का बचपन।
हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम जिस सन्दूक मे थे वह सन्दूक बहते बहते फिरौन के महल के पास पहुंचा। महल के दरबारियों ने संदूक को निकाल लिया |
फिरौन की बीवी आसिया रजिअल्लाहू अनहा जो नेक खातून थीं हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को देखा और फिरौन से कहा ये तेरी और मेरी आँखों की ठंडक है और इसे अपना बेटा बना लें |जब हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को भूख लगी और दूध के लिए रोने लगे तो दूध पिलाने वालीयां लाई गईं लेकिन , मूसा अलैहिस्सलाम ने किसी का दूध नहीं पीया | करीब में ही मूसा अलैहिस्सलाम की बहन जो आप की निगरानी करते हुए पीछे आई थीं कहने लगी । मै एक घर जानती हूँ जो इस बच्चे को दूध पिला सकती है । इस तरह अल्लाह तआला ने मूसा अलैहिस्सलाम को वापस उनकी माँ के पास लौटा दिया
Do Admiyo Ki Ladai । दो आदमियों की लड़ाई।
मूसा अलैहिस्सलाम ने फिरौन के महल में पाई और जवान हुए । अल्लाह तआला ने मूसा अलैहिस्सलाम को ताक़त व कुव्वत बहुत अता की थी ।एक दिन मूसा अलैहिस्सलाम ने दो लोगों को आपस में लड़ते हुए देखा, उसमे से एक बनी इस्राईल से था और दूसरा खिब्ती था । बनी इस्राईल के शख्स ने आपसे मदद मांगी, आपने मदद का इरादा किया और खिब्ती को एक मुक्का मारा, जिससे उसकी मौत हो गई, हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम का मकसद क़त्ल का नहीं था । और आपने अल्लाह तआला से तौबा किया (तफ़सीर – सुरह क़सस आयत 15 और 16)
अगले दिन जब मूसा अलैहिस्सलाम शहर के तरफ निकले तो देखा के वही बनी इस्राईल फिर किसी से झगड़ रहा है और आपको देखकर फिर से आप से मदद तलब की, आपने फ़रमाया तू तो झगड़ालू आदमी है और उसके मुकाबले वाले खिब्ती के तरफ हो गए । बनी इस्राईल ने कहा के कल जैसे एक आदमी को मारा था क्या आज मुझे भी मार डालोगे । उसकी इस बात से आप समझ गए के कल वाली बात पुरे शहर में फ़ैल गई है ।
अगले दिन जब मूसा अलैहिस्सलाम शहर के तरफ निकले तो देखा के वही बनी इस्राईल फिर किसी से झगड़ रहा है और आपको देखकर फिर से आप से मदद तलब की, आपने फ़रमाया तू तो झगड़ालू आदमी है और उसके मुकाबले वाले खिब्ती के तरफ हो गए । बनी इस्राईल ने कहा के कल जैसे एक आदमी को मारा था क्या आज मुझे भी मार डालोगे । उसकी इस बात से आप समझ गए के कल वाली बात पुरे शहर में फ़ैल गई है ।
Egypt se Musa Alaihi Salam ka nikalna । मिस्र से मूसा अलैहि सलाम का निकलना ।
जब फिरौन को पता चला की मूसा अलैहिस्सलाम ही मिस्री के क़तिल हैं तों फिरौन ने जल्लाद को हुक्म दिया कि मूसा को गिरफ्तार कर हाजिर करे। मिस्रियों के इस मज्मे में एक मुअज्जज शहरी वह भी था जो दिल व जान से हजरत मूसा से मुहब्बत रखता और इसराईली मजहब को जानता था।यह फ़िरऔन ही के खानदान का आदमी था और दरबार में हाजिर था। उसने फ़िरऔन का यह हुक्म सुना तो फिरौनी जल्लाद से पहले ही दरबार से निकल कर दौड़ता हुआ हज़रत मूसा की खिदमत में हाजिर हुआ और उनसे सारा किस्सा बयान किया और उनको मशविरा दिया कि इस वक्त मस्लहत यही है कि खुद को मिस्रियों से नजात दिलाइए और किसी ऐसे मक़ाम पर हिजरत कर जाइए जहां उनकी पकड़ न हो सके। हजरत मूसा अलैहि सलाम ने उसके मशविरे को कुबूल फ़रमाया और अर्जे मदयन की तरफ खामोशी के साथ रवाना हो गए।
Hazrat Musa Alaihi Salam ka Madyan Pahuchna Aur Kyaam । हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम का मदयन पहुंचना और कयाम।
मिस्र से निकलकर भूखे प्यासे और लम्बे सफ़र से मूसा अलैहिस्सलाम मदयन पहुंचे । एक जगह पहुंचे तो देखा के एक चश्मे पर एक हौज़ है जहाँ कुछ लोग अपने जानवरों को पानी पिला रहे हैं, क़रीब ही आप ने देखा के दो औरतें हैं जिनके पास बकरियां थीं, वे पानी के क़रीब अपनी बकरियों को रोके हुए थीं । मूसा अलैहिस्सलाम ने पूछा क्या मामला है, अपनी बकरियों को पानी क्यों नहीं पिलातीं । वो बोलीं के जब तक ये चरवाहे अपने जानवरों को पानी नहीं पिला लेते । हम नहीं पिला सकतीं और हमारे वालिद बहुत बूढ़े हैं । ये सुनकर मूसा अलैहिस्सलाम ने आगे बढ़कर उन सबको को हटाया और बकरियों को पानी पिलाया । दोनों औरतें वापस गईं और सारा क़िस्सा अपने वालिद को सुनाया ।दोनों औरतें में से एक हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के पास शरमाते हुए आईं और कहा के मेरे वालिद आप को बुला रहे हैं क्यूंकि आपने जो हमारे बकरियों को पानी पिलाया उसकी उजरत दे सके । हालांके मूसा अलैहिस्सलाम ने ये अमल कोई उजरत के लिए नहीं किया लेकिन उनको शख्त हाजत थी इसलिए आप उनके साथ चल पड़े । घर पहुँचकर हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की मुलाकात हज़रत शोएब अलैहिस्सलाम से हुई । हज़रत शोएब अलैहिस्सलाम की बेटी ने कहा के आप उनको मजदूरी पर रख लें क्यूंकि ये ताक़तवर भी हैं और इमानदार भी । फिर हज़रत शोएब अलैहिस्सलाम ने अपने एक बेटी से उनका निकाह कर दिया और मेहर के एवज़ 8 साल मजदूरी को कहा और ये भी कहा के अगर 10 साल करें तो ये बेहतर और अहसान है, चुनांचे हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने 10 साल पुरे किये ।
ALLAH Ki 2 Nisaniya । अल्लाह तआला की 2 निसानिया।
10 साल पुरे करने के बाद हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने अपने वतन मिस्र जाने का इरादा किया और अपने बीवी को साथ लिए वापस चले । सफ़र के दौरान सर्दी काफी थी, अँधेरी रात थी । हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को दूर पहाड़ी पर एक आग दिखाई दिया वह अपनी बीवी को बोले मैं आग ले आता हु ताके सर्दी से बचा जा सके । हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम आग के पास पहुंचे तो देखा वो कोई आग नहीं थी बलके एक दरख़्त से नूर निकल रहा था । मूसा अलैहिस्सलाम बहुत हैरान हुए जब और क़रीब हुए तो उसमे से आवाज़ सुनाई दी ।ये आवाज़ अल्लाह रब्बुल इज्ज़त की अपने बन्दे हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के दरमियान थी । अल्लाह तआला ने फ़रमाया ए मूसा ! मैं तुम्हारा परवरदिगार बोल रहा हूँ फिर आवाज़ आई ये तुम्हारे हाथ में क्या है । मूसा अलैहिस्सलाम ने जवाब दिया ये मेरी लाठी है जिससे टेक लगाता हूँ और अपने बकरियों के लिए पत्ते झाड़ता हूँ और भी फायदे हैं ।
फिर हुक्म हुआ । इसे निचे ज़मीन में डाल दे, जूं ही मूसा अलैहिस्सलाम ने लाठी निचे गिराई वह सांप बनकर दोड़ने लगा । ये देख मूसा अलैहिस्सलाम पीठ फेरकर भागे, पीछे मुड़कर भी ना देखा ।
फिर अल्लाह तआला ने इरशाद फ़रमाया – मूसा ! डर मत और इस लाठी को पकड़, हम दोबारा लाठी बना देंगे । मूसा अलैहिस्सलाम ने सांप को पकड़ा तो वह लाठी बन गया ।
अल्लाह तआला ने फिर फ़रमाया , अपने हाथ को अपने गरेबान में डाल, मूसा अलैहिस्सलाम ने एसा ही किया , जब हाथ बाहर निकाला तो आपका हाथ सूरज की तरह चमक रहा था ।
अल्लाह तआला ने दो मोजज़े हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को दिए । फिर अल्लाह तआला ने फ़रमाया , फिरौन और उसके कौम के तरफ जा यकीनन वो बहुत सरकश और नाफरमान है । फिर मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा ए मेरे परवरदिगार - मेरी जुबान की गिराह खोल दे और मेरे काम में आसानी फरमा और मेरे भाई "हारुन अलैैैहिस्सलाम" को मेरे साथ कर दे । अल्लाह तआला ने आपकी दुआ कुबूल फरमाई |इस तरह हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम और हज़रत हारुन अलैैैहिस्सलाम को अल्लाह तआला ने नबूवत से सरफ़राज़ फ़रमाया ।
Firaun Ko Deen Ki Dawat । फिरौन को दीन की दावत।
हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम वापस हुए और अपने भाई हज़रत "हारुन अलैैैहिस्सलाम" को साथ लिया और फिरौन के महल पहुंचे । महल के दरबानो ने आप को अन्दर जाने नहीं दिया, मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा मैं कासिद हूँ यानी पैग़ाम लेकर आया हूँ तो दरबानो ने अन्दर जाने दिया ।हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने फिरौन को दीन की दावत दी तो फिरौन ने कहा , के तेरा रब कौन है, जवाब में मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा – वो असमानों और जमीन के तमाम चीजों का रब है । ये बात मूसा अलैहिस्सलाम ने तमाम दरबारियों से मुखातिब होकर की थी ।
फिर फिरौन बोला अगर तू अपने वादे में सच्चा है तो निशानियाँ पेश कर । अब मौक़ा आ गया था के वह दोनों मोज़ज़े पेश किये जाएं । फिर मूसा अलैहिस्सलाम ने अपनी लाठी ज़मीन पर रख दिया तो वह अजदहा बन गया । और अपने गिरेबान से हाथ निकला तो वह चमकने लगा । फिरौन ने कहा ये तो सिवाये जादू के और कुछ नहीं है और कहा के तुम्हारे मुकाबले में मैं भी मशहूर जादूगरों को लाऊंगा । मूसा अलैहिस्सलाम को इसी वक़्त का इंतज़ार था के सबसे सामने दावत पेश की जाये ।
Musa Alaihi Salam Ka Jadugaro se Muqabla । मूसा अलैहिस्सलाम का जादूगरों से मुकाबला।
मुकाबले का दिन आ पहुंचा, लोग एक मैदान में जमा होने लगे । 40 जादूगरों की जमात मैदान में हाज़िर हुई
जादूगरों ने मूसा अलैहिस्सलाम से कहा के पहले तुम डालों फिर अल्लाह तआल़ा ने मूसा अलैहिस्सलाम को वही की के पहले वो डाले, चुनांचे जादूगरों ने अपने पास जो रस्सी और लकड़ी थी उसे ज़मीन पर डाल दिया
देखते ही देखते वो रस्सियाँ हरकत करने लगीं । लोगों के नज़रों पर जादू कर दिया गोया वो रस्सियाँ सांप दिखने लगीं मूसा अलैहिस्सलाम ने वहशत महसूस की तो अल्लाह तआला ने वही की के यकीनन तू ही ग़ालिब आएगा और तेरे हाथ में जो चीज़ है उसे ज़मीन पर डाल दे, चुनांचे मूसा अलैहिस्सलाम ने जैसे ही अपनी लाठी ज़मीन पर डाला तो एक अजदहा बन गया और तमाम जदूगरों की रस्सियों को निगलना शुरू कर दिया ।
Jadugaro Ka Iman Lana । जादूगरो का ईमान लाना ।
जब जादूगरों के ये मंज़र देखा तो समझ गए के ये जादू नहीं हो सकता बलके एक अल्लाह के तरफ से है । सारे जादूगर सजदे में गिर गए और बोले मैं तो मूसा अलैहिस्सलाम और हारुन अलैैैहिस्सलाम के रब पर ईमान लाता हूँ | (तफ़सीर सुरह ताहा )
जब फिरौन ने देखा के सारे जादूगर ईमान ले आये हैं तो बोला के मेरे से बिना पूछे तूने मूसा अलैहिस्सलाम पर ईमान कैसे ला सकते हो और कहा मूसा अलैहिस्सलाम ने तुम सबके उपर भी जादू कर दिया है । फिर बोला मैं तुम्हारे हाथ पांव मुखालिफ सिम्तों में कटवा कर खज़ूर के तनो पर लटकवा दूंगा । इसपर जादूगरों ने जवाब दिया तुझे जो करना है कर डाल हम तुम्हे कोई तरजीह नहीं देते और तू सिवा दुनिया में हमें सज़ा देने के अलावा और कर भी क्या सकता है । चुनांचे फिरौन ने उन्हें सज़ा देने का हुक्म दिया ।
Firaun Aur Uski KAUM Ki Halakat । फिरौन और उसकी क़ौम की हलाकत ।
अल्लाह तआला ने फिरौन और उसके कौम पर 9 मोजज़े अज़ाब के नाजिल किये जैसे के टिड्डियों का अज़ाब, खून का अज़ाब और मेडकों का अज़ाब वगैरह । फिरौन और उसकी कौम हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से दुआ के लिए कहती तो मूसा अलैहिस्सलाम दुआ फरमाते तो वह अज़ाब टल जाता लेकिन फिर वे सरकशी और नाफ़रमानी करने लगते थे ।
आखिरकार अल्लाह तआला ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को वही की के रातों रात तू मेरे बन्दों को लेकर निकल जा । बनी इस्राईल की कुल तादात 6 लाख थी ।
सुबह जब फिरौन को ये मालूम हुआ तो उसने उनका पीछा करने का हुक्म दिया । हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम अपने लश्कर को लिए बहरे अहमर के किनारे पहुंचे, जब वह पीछे मुड़कर देखा तो फिरौन और उसका लश्कर पीछा करते हुए चला आ रहा है । ये देख कर बनी इस्राईल परेशान हो गए के अब क्या होगा पीछे फिरौन और उसका लश्कर और आगे समंदर की ऊँची लहरें । फिर हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को वही की गई के पानी पर अपनी लाठी मारो । जूं ही आप ने लाठी मारी तो समंदर में रास्ता बन गया और पानी पहाड़ों की तरह खड़ी हो गई । सब के सब उस रस्ते से बहार निकल गए । अब जैसे ही फिरौन और उसका लश्कर पानी के पास पहुंचे तो देखा के समंदर में रास्ता बना हुआ है । पहले तो फिरौन डरा के ये क्या माजरा है लेकिन फिर उसने अपने घोड़े और लश्कर को लेकर उस रस्ते पर दाखिल हुआ । इधर बनी इस्राईल का आखिरी आदमी समादर से निकल रहा था और दूसरी तरफ फिरौन का आखिरी आदमी समंदर में दाखिल हो रहा था । अल्लाह तआला के हुक्म से पानी जा मिला और फिरौन और उसका लश्कर पानी में गर्क़ हो गए । जब फिरौन डूब रहा तो कहने लगा के मैं हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के रब पर ईमान लाता हूँ । उस वक़्त तौबा कुबूल नहीं हुई क्युकि मौत के आखिरी वक़्त में जब फ़रिश्ते देखने लगते हैं तो तौबा कबूल नहीं होती ।
Firaun Ki Photo । फिरौन की फोटो ।
फिरौन की लाश को अल्लाह तआला ने लोगों के लिए इबरत का नमूना बना दिया और आज भी फिरौन की लाश मिश्र के अज़येब घर में मौजूद है ।
Firaun se Nizat Ke Baad । फिरौन से निजात के बाद।
फिरौन से निजात के बाद बनी इस्राईल को आराम और सुकून हासिल हुआ ।हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम कोहे तुर पर अल्लाह तआला से हम कलाम हुए करते थे और हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को तौरात (किताब ) दी गई । एक बार हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने अल्लाह के दीदार की खवाइश की थी, बहुत इसरार के बाद अल्लाह तआला ने अपने नूर की एक छोटी से तजल्ली डाली जिसकी वजह से पहाड़ रेज़ा रेज़ा हो गया और हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम बेहोश हो गए और बाद में अल्लाह रब्बुल इज्ज़त के बारगाह में माफ़ी मांगी और सजदा रेज़ हुए ।
हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के और भी बहुत से किस्से हैं लेकिन ये मुख़्तसर से किस्से में हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के बचपन और फिरौन की हलाकत का ज़िक्र किया गया है | अल्लाह इस किस्से को पेश करने में कोई कोताही हो गई हो तो माफ़ फरमाए ।। अमीन ।।
Beshaq❣️
Ameen
Ameen
BESHQ ALLAH EK HAI ♥️
Ameen