Surah An-Nas in Hindi । सूरह अन-नास हिन्दी में ।

Surah An-Nas in Hindi । सूरह अन-नास हिन्दी में और उसकी फजीलत।, Surah Nas in Hindi,

 अस्सलाम अलैकूम व रहमतुल्लाहि व बरकातहू।

सूरह अन-नास ( Surah An-Nas ) कुरान की 30 अम्मा वे पारा मे है।  सूरह नास मे कुल 6 आयते है। कुरान मजीद में सूरह नास 114 नम्बर पर है। हम कोशिश करेंगे जिनको अरबी में पढना नहीं आता है उनके लिए हम हिन्दी में लिख रहे हैं। आशा करते हैं कि आप को पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं होगी। सूरह अन-नास का हिन्दी तर्जुमा भी साथ में है। बहुत ही आसानी से हम इस आर्टिकल में आपको सूरह अन-नास को  को पढ़ना और याद करना सिखायेगे। सबसे पहले आइये जानते हैं कि सूरह नास की तफसीर क्या है। 


Surah An-Nas in Hindi । सूरह अन-नास हिन्दी में और उसकी फजीलत।

Surah An-Nas Ki Fazilat । सूरह नास की फजीलत 

  • ये दो आखिरी सूरतें (सूरह फलक सूरह नास) मुअव्वजातें कहलाती हैं ये उस वक़्त नाज़िल हुई थी जब हुज़ूर सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम पर यहूदियों की तरफ से जादू किया गया था और उसके कुछ असरात आप पर ज़ाहिर हुए थे इन सूरतों में इस का इलाज बताया गया है | हदीसो से मालूम होता है कि इन सूरतों की तिलावत और इन से दम करना जादू के असरात दूर करने के लिए बेहतरीन अमल है हुज़ूर सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम इन सूरतो की तिलावत करके अपने जिस्म पर दम कर लिया करते थे
  • खन्नास शैतान को कहते हैं इसके मानी छुपने के हैं जब अल्लाह का ज़िक्र होता है तो वह छिप जाता है फिर जब मौक़ा मिलता है तो वस्वसे डालता रहता है
  • जिनो में तो शैतान होते ही हैं इंसानो में भी शयातीन होते हैं जो बहकाते रहते हैं उन कि बाते सुन सुन कर तरह तरह के बुरे खयालात और वस्वसे पैदा होते हैं इसीलिए आयत में दोनों तरह के वस्वसे डालने वालो से पनाह मांगी गयी है अल्लाह हम सब को अपनी पनाह में रखे और हर तरह के शर से बचाये आमीन
  • इस सूरह में बार बार लफ्ज़ नास ला कर तमाम इंसानियत को रब्बे कायनात से जुड़ने कि दावत है कि वही तमाम इंसानो का रब है बादशाह भी है माबूद भी है सब को उसी से लौ लगाने की ज़रुरत है |

Surah An-Nas in Hindi | सूरह नास हिंदी तर्जुमे के साथ ।

Surah An-Nas in Hindi

बिस्मिल्ला–हिर्रहमा–निर्रहीम

( शुरू करता हूं मैं अल्लाह के नाम से जो निहायत मेहरबान बड़ा रेहम करने वाला है।)

कुल अऊजु बिरब बिन नास ।
(आप कह दीजये! की मैं लोगों के परवरदिगार की पनाह में आता हूं )

मलिकिन नास ।
( लोगों के मालिक की )

इलाहिन नास ।
( लोगों के माबूद की (पनाह में)

मिन शर रिल वसवासिल खन्नास ।
( वस्वसा डालने वाले खन्नास के शर से )

अल्लज़ी युवसविसु फी सुदूरिन नास ।
( जो लोगों के सीनों में वस्वसा डालता है )

मिनल जिन्नति वन नास ।
( चाहे वो जिन मैं से हो या इंसान में से )

Surah An-Nas in English । सूरह नास इंग्लिश में।

Surah An-Nas in English

Bismillahir Rahmaanir Raheem 
(In the name of Allah, The Most Gracious and The Most Merciful )

Qul a’oozu bi rabbin naas.
( Say, “I seek refuge in the Lord of mankind )

Malikin naas.
( The Sovereign of mankind. )

ilaahin naas.
( The God of mankind, )

Min-sharril was waasil khannaas.
( From the evil of the retreating whisperer )

Allazee yuwas wisu fee sudoo rinnaas.
( Who whispers [evil] into the breasts of mankind )

Minal jinnati wan-naas.
( From among the jinn and mankind. )

Surah An-Nas in Arabic । सूरह नास अरबी में।

Surah An-Nas in arabic


( بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ )

قُلْ اَعُوْذُ بِرَبِّ النَّاسِۙ(۱)
 مَلِكِ النَّاسِۙ(۲)
 اِلٰهِ النَّاسِۙ(۳)
 مِنْ شَرِّ الْوَسْوَاسِ ﳔ الْخَنَّاسِﭪ(۴)
 الَّذِیْ یُوَسْوِسُ فِیْ صُدُوْرِ النَّاسِۙ(۵)
مِنَ الْجِنَّةِ وَ النَّاسِ۠(۶)


Surah Naas Urdu Translation

کہو کہ میں لوگوں کے پروردگار کی پناہ مانگتا ہوں

(یعنی) لوگوں کے حقیقی بادشاہ کی

لوگوں کے معبود برحق کی

(شیطان) وسوسہ انداز کی برائی سے جو (خدا کا نام سن کر) پیچھے ہٹ جاتا ہے

جو لوگوں کے دلوں میں وسوسے ڈالتا ہے

وہ جنّات میں سے (ہو) یا انسانوں میں سے

Hadith On Surah An-Nas । सूरह नास हदीस की रोशनी में।

  • “उक़बा बिन आमिर रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत हे के नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया आज की रात मुझ पर कुछ ऐसी आयात नाज़िल हुई है इन आयतों जैसी मेने कोई आयत कभी नहीं देखी और फिर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सूरह नास और सूरह फ़लक़ पढ़ी” (मुस्लिम 814)
  • “हज़रते आईशा रज़ियल्लाहु अनहा बयान फ़रमाती है के नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हर रात जब आराम फ़रमाते तो सूरह इखलास, सूरह फ़लक़, और सूरह नास इन तीनों सूरतों को पूरा पढ़कर अपनी दोनों हथेलियों को मिलाकर हथेलियों पर फ़ूकते और फ़िर दोनों हथेलियों को अपने पूरे बदन पर फेरते जहां तक मुमकिन होता। पहले सर और मुंह पर हाथ फेरते फिर सामने के बदन पर ये काम आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तीन बार करते।” (बुखारी 5017)
  • “नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जब बीमार पड़ते तो मऊज़ात (सूरह नास, सूरह फ़लक़ और सूरह इखलास तीनों को मिलाकर मऊजात कहते हैं) सूरतें पढ़ कर इसे अपने ऊपर दम करते (ऐसे दम करते की हवा के साथ कुछ थूक भी निकलता)” (बुखारि 5016)

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