Ramzan Ke Roze Ki Ahmiyat Aur Fazilat in Hindi- रमज़ान के रोजे की अहमियत और फजीलत। 2024
रोजा इस्लाम का तीसरा रूकुल है, रोजे खो अरबी में सोम या संयाम कहते हैं। सोम के मायने रुक जाने के है। जब कोई मुसलमान रोजा रखता है तो वो दिन भर खाने पीने की चीजों से परहेज करता है। लेकिन रोजा महज खाने पीने से परहेज करने का नाम नहीं। बल्कि रोजेदार के जिस्म के तमाम आजा का रोजा होता है। रमजान के रोजों की बहुत सी फजीलत हदीस पाक में आई है। कुछ चंद हदीस मुबारक पेस है, आपसब के लिए।
Ramzan Ke Roze Ki Ahmiyat Aur Fazilat in Hindi- रमज़ान के रोजे की अहमियत और फजीलत। 2024
Ramzan Ke Roze Ki Ahmiyat Aur Fazilat in Hindi- रमज़ान के रोजे की अहमियत और फजीलत। 2023
कुछ चंद हदीस रमज़ान मुबारक के मुतालिक पेश है। इसे पढ़े और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें। ताकि और भी लोग रमज़ान की रोजे की अहमियत और फजीलत को समझ सके।
Hadees
सही बुखारी की हदीस है। संयदना सुहेल रजिअल्लाहू तआला अनहु, मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम से रिवायत करते हैं। की आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया। जन्नत में एक दरवाजा है जिसे रेयान कहते हैं। इस दरवाजे से कयामत के दिन रोजेदार दाखिल होंगे। उनके सिवा कोई भी इस दरवाजे से दाखिल ना होगा। कहा जाएगा रोजेदार कहा है? बस वो उठ खड़े होंगे, उनके सिवा कोई भी इस दरवाजे से दाखिल ना होगा। फिर जीस वक्त वो दाखिल हो जाएंगे तो दरवाजा बंद कर लिया जाएगा। इस दरवाजे से कोई दाखिल न होगा।Hadees
सही बुखारी की एक और हदीश है। सैयदना अब्बू हुरैरा रज़ियल्लाहु तआला अनहु से रवायत है। ये रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया। रोजा अजाबे इल्हाई के लिए ढाल है। बस रोजेदार को चाहिए के फैहज बात ना कहें और जहालत की बातें मसलन मजाक, झूठ, चीखना, चिल्लाना और शोरगुल मचाना वगैरह भी ना करें। और अगर कोई शख्स इससे लड़े या इसे गाली दे तो इसे चाहिए के दो मर्तबा कह दे के में रोजेदार हूं। कसम उस जात की जिसके हाथ में मेरी जान है , के रोजेदार के मुँह की खुशबू अल्लाह के नजदीक मुश्क की खुशबू से भी ज़्यादा उम्दा है। अल्लाह तआला फरमाता है के रोजेदार अपना खाना पीना और अपनी ख्वाहिश, मेरे लिए छोड़ देता है तो रोजा मेरे ही लिए। और मैं इसका बदला दूंगा और हर नेकी का सवाब 70 गुना मिलता है, लेकिन रोजे का सवाब इससे कहीं ज्यादा मिलेगा।
सही बुखारी की हदीस है। उम्मुल मोमिनीन आयशा सिद्दीका रजि अल्लाह अनहा से रिवायत है के रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया। जो शख्स मर जाए और उस पर रोजे की कजा वाजिब हो तो उसका वारिस उसकी तरफ से रोजे रख लें। सैयदना इब्ने अब्बास रजिअल्लाहू अनुहू कहते हैं के एक शख्स नबी करीम सल्ललाहो अलैहि वसल्लम के पास आया। और उसने अर्ज़ की के या रसूलल्लाह मेरी वालिदा इंतकाल हो गयी है। और उन पर एक महीने के रोजे बाकी है। क्या मैं उनकी तरफ से उनके कजाय रोजे रख लूं? तो आप सल्ललाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया हां। अल्लाह का कर्ज अदा कर देना सबसे ज्यादा इसतिकाक रखता है। सैयदना सोहेल बिन साद रजि अल्लाह तआला अनहु से रवायत है के रसूल अल्ला सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम ने फरमाया। लोग हमेशा नेकी पर रहेंगे, जब तक कि वो जल्द अफ्तार करने में जल्दी किया करेंगे?
तिर्मिज़ी और अब्बू दाऊद की रवायत है। हजरत अब्बू हुरैरा रजिअल्लाहू तआला अनहु से रवायत है के नबी करीब सल्ललाहू अलैहि वसल्लम ने फरमाया। जो शख्स रमजान का एक रोज़ा बिला अज़र शंघाई सफर और मर्जी के बगैर छोड़ दें मुद्दात इसकी तलाशी के लिए रोजा रखें तब भी एक रोजे की कमी पूरी नहीं होगी।
Hadees
सही बुखारी की हदीस है। सय्यदना अब्बू हुरैरा रजिअल्लाहू अनुहू रिवायत है। कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया। जो शख्स झूठ बोलना और दगाबाजी करना ना छोड़ें। तो अल्लाह ताला को इस बात कि कुछ परवाह नहीं के वो रोजे का नाम करके अपना खाना पीना छोड़ दे।Hadees
सही बुखारी की एक और हदीस है। सय्यदना अब्बू हुरैरा रजिअल्लाहू कहते हैं कि रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैह वाले व सल्लम ने फरमाया। अल्लाह तआला फरमाता है। के इब्ने आदम के तमाम आमाल उसी के लिए होते हैं सिवाय रोजे के। कि वो मेरे लिए है और मैं खुद इसका बदला दूंगा। सही बुखारी की हदीस है। सय्यदना अब्बू हुरैरा रजिअल्लाहू कहते हैं कि रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैह वाले व सल्लम से रिवायत करते हैं। कि आप सल्लल्लाहो अलैहे वाले व सल्लम ने फरमाया।Hadees
सही बुखारी की हदीस है। उम्मुल मोमिनीन आयशा सिद्दीका रजि। अल्लाह ताला अनहा कहती है के मोहम्मद सल्ललाहो अलैहि वसल्लम रोजे की हालत में अपनी अज्वाजे मोतहीरात को बोसा दे लिया करते थे। मुबासिरात यानी गले लगा लिया करते थे। मगर आप सल्ललाहो अलैहि वसल्लम अपनी ख्वाहिश पर तुम से ज्यादा काबू रखते थे। उम्मूल मोमिन आयशा सिद्दीका रजि। अल्लाह ताला अनहु हो फरमाती है के रोजेदार के लिए औरत की शर्मगाह हराम है।ये भी पढ़ें - Sehri Aur Iftar Ki Dua in Hindi | सेहरी और इफ्तार की दुआ।
सैयदना अब्बू हुरैरा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु, मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वाले व सल्लम से रिवायत करते हैं। के आप सल्लल्लाहो अलैहे वाले व वसल्लम ने फरमाया। जब कोई शख्स भूलकर खा पी ले तो वो अपना रोजे को पूरा कर लें क्योंकि ये तो अल्लाह ने उस को खिल पीला दिया है।
सैयदना अब्बू हुरैरा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु, मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वाले व सल्लम से रिवायत करते हैं। के आप सल्लल्लाहो अलैहे वाले व वसल्लम ने फरमाया। जब कोई शख्स भूलकर खा पी ले तो वो अपना रोजे को पूरा कर लें क्योंकि ये तो अल्लाह ने उस को खिल पीला दिया है।
Roze Ki Halat Mein Humbistari karna । रोज़े की हालत मे हमबिस्तरी करना
Hadees
सही बुखारी की हदीस है। सैयदना अब्बू हुरैरा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु कहते हैं। के 1 दिन इस हाल में के हम रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के पास बैठे हुए थे। एक शख्स आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के पास आया। और उसने अर्ज़ की के या रसूलल्लाह मैं तो बर्बाद हो गया। आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया। क्या हुआ? उसने अर्ज़ की मैने रोजे की हालत में अपनी बीवी से हम बिस्तरी कर ली। तो रसूल सल्ललाहू अलैहि वसल्लम ने फरमाया। क्या तू एक गुलाम आजाद कर सकता है? तो उसने अर्ज़ की के , नहीं। फिर अल्लाह के नबी ने फरमाया। क्या तू 60 गरीबों को खाना खिला सकता है? तो उसने अर्ज़ की के नहीं? सैयदना अब्बू हुरैरा रज़ियल्लाहु तआला अनुह कहते हैं। के, फिर मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने तवकफ किया। हम उसी हालत में थे के कोई शख्स नबी करीम के पास खजूरों से भरा हुआ खुरमे की चाल का एक टोकरा लाया। आप सल्ललाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया। साहिल कहा है तो उस ने अर्ज की के हाजिर हूं। आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया। इस टोकरी को ले ले और खैरात कर दे। उसने अर्ज़ की के या रसूल अल्लाह क्या अपने से ज्यादा मोहताज को खैरात कर दूँ? तो अल्लाह की कसम मदीने के दोनों पथरीले मैदानों के दरमयान कोई घर मेरे घर से ज्यादा मोहताज नहीं है। ये सुनकर रसूलल्ला सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम इतना हंसने की आप सल्ललाहो अलैहि वसल्लम के दांत मुबारक नजर आने लगे। फिर आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया । अच्छा। फिर अपने ही घरवालों को खिला दें।
उम्मुल मोमिनीन आयशा सिद्दीका रजि। अल्लाह ताला अनहा जोजा नवी करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम से रिवायत है। के हम्ज़ा बिन अमरू असलमा रजि अल्लाह तआला अन्हु ने नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम से अर्ज़ की। की क्या मैं सफर में रोजा रखूँ, और वो अक्सर रोजा रखा करते थे, तो आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया। अगर चाहो तो रोजा रखो और चाहो तो न रखो।
उम्मुल मोमिनीन आयशा सिद्दीका रजि। अल्लाह ताला अनहा जोजा नवी करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम से रिवायत है। के हम्ज़ा बिन अमरू असलमा रजि अल्लाह तआला अन्हु ने नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम से अर्ज़ की। की क्या मैं सफर में रोजा रखूँ, और वो अक्सर रोजा रखा करते थे, तो आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया। अगर चाहो तो रोजा रखो और चाहो तो न रखो।
Hadees
सही बुखारी की हदीस है। उम्मुल मोमिनीन आयशा सिद्दीका रजि अल्लाह अनहा से रिवायत है के रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया। जो शख्स मर जाए और उस पर रोजे की कजा वाजिब हो तो उसका वारिस उसकी तरफ से रोजे रख लें। सैयदना इब्ने अब्बास रजिअल्लाहू अनुहू कहते हैं के एक शख्स नबी करीम सल्ललाहो अलैहि वसल्लम के पास आया। और उसने अर्ज़ की के या रसूलल्लाह मेरी वालिदा इंतकाल हो गयी है। और उन पर एक महीने के रोजे बाकी है। क्या मैं उनकी तरफ से उनके कजाय रोजे रख लूं? तो आप सल्ललाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया हां। अल्लाह का कर्ज अदा कर देना सबसे ज्यादा इसतिकाक रखता है। सैयदना सोहेल बिन साद रजि अल्लाह तआला अनहु से रवायत है के रसूल अल्ला सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम ने फरमाया। लोग हमेशा नेकी पर रहेंगे, जब तक कि वो जल्द अफ्तार करने में जल्दी किया करेंगे?
Hadess
तिर्मिज़ी और अब्बू दाऊद की रवायत है। हजरत अब्बू हुरैरा रजिअल्लाहू तआला अनहु से रवायत है के नबी करीब सल्ललाहू अलैहि वसल्लम ने फरमाया। जो शख्स रमजान का एक रोज़ा बिला अज़र शंघाई सफर और मर्जी के बगैर छोड़ दें मुद्दात इसकी तलाशी के लिए रोजा रखें तब भी एक रोजे की कमी पूरी नहीं होगी।
Aaman khan
Bilkul sahi likha hai
🥰🥰🥰🥰🥰🥰