Hauze Kausar | हौज़े कौसर क्या है ?
अस्सलाम अलैकूम व रहमतुल्लाहि व बरकातहू।
Hauze Kausar | हौज़े कौसर क्या है ?
हज़रत अनस रजिअल्लाहू अनुहू बयान करते हैं कि नबी करीम सल्ललाहू अलैहि वसल्लम को एक मर्तबा सुस्ती आई,
फिर आप सल्ललाहू अलैहि वसल्लम ने मुस्कुरा कर सर उठाया, तो साहाबा ने पूछा । ऐ अल्लाह के रसुल सल्ललाहू अलैहि वसल्लम आपको किस चीज ने ख़ुश किया,
आप सल्ललाहू अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया , अभी मुझ पर एक सुरत नाजिल हुई है , फिर आप सल्ललाहू अलैहि वसल्लम ने इन्हें सुरतूल कौसर की तिलावत कर के फ़रमाया, जानते हो कौसर क्या है, शहाबा ने अर्ज किया कि अल्लाह और उसके रसूल ही बेहतर जानते हैं ,
नबी करीम सल्ललाहू अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया , कौसर जन्नत की एक नहर है जो अल्लाह तआला ने मुझे इनायत फरमाई है, उसके पास बड़ी खैरो बरकत है, क़यामत के दिन उस पर मेरी उम्मत आएगी, उस नहर के प्याले आसमान कि तारों की तरह बेसूमार है , मेरे बाज उम्मती इस से रोक दिये जाएंगे, मै कहूंगा ऐ मेरे रब , ऐ तो मेरे उम्मती है , जवाब मिलेगा, आपको मालूम नहीं कि आप सल्ललाहू अलैहि वसल्लम के बाद इन्होंने आपके दिन में क्या क्या नई बातें इजाद कर ली थी ( मुस्लिम)
हौज़े कौसर क्या है ?
“कौसर जन्नत में एक नहर है, जिस के दोनों किनारे सोने के हैं और वह मोती और याकूत पर बहती है, उस की मिट्टी मुश्क से जियादा खुशबूदार, उस का पानी शहेद से जियादा मीठा और बर्फ से जियादा सफेद है।” (तिर्मिज़ी : ३३६१)
हौजे कौसर की कैफियत
“हौज़े कौसर के बर्तन सितारों के बराबर होंगे, उस से जो भी इन्सान एक घूंट पी लेगा तो हमेशा के लिए उसकी प्यास बुझ जाएगी।” (इब्ने माजा: ४३०३)